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Hindi

Le hindi (autonyme : हिन्दी hindī) est une langue indo-européenne, issue d'une standardisation des langues hindoustanies, utilisant les caractères et du vocabulaire sanskrit. Parlée essentiellement dans le nord et le centre de l'Inde, c'est une langue indo-européenne de la branche des langues indo-aryennes, qui en est la plus vaste famille, dérivée du sanskrit et de divers prâkrits, écrite la plupart du temps au moyen de l'alphasyllabaire devanagari, qui se lit et s'écrit de gauche à droite. Le hindi, une des principales langues en Inde, est une des deux langues utilisées par le gouvernement fédéral avec l'anglais. Officiellement, le hindi devrait servir de lingua franca dans le pays, ce qui, dans les faits, n'est pas toujours le cas. En 2001, 41 % de la population indienne a déclaré avoir le hindi (ou un de ses dialectes) comme langue maternelle. Le hindi serait parlé en langue seconde par 20 à 25 % des Indiens, et son importance continue d'évoluer, car il est enseigné dans tous les États de l'Inde. Avant la partition de 1947 entre l'Inde et le Pakistan, le hindi, langue officielle de l'Inde, et l'ourdou, langue officielle du Pakistan, constituaient une seule et même langue dans leur version familière appelée hindoustani. Cette version familière est toujours utilisée dans le cinéma indien en langue hindi dont fait partie Bollywood. Dans leurs versions courante et soutenue le hindi s'écrit officiellement avec l'alphasyllabaire devanāgarī (de gauche à droite) et son vocabulaire provient essentiellement du sanskrit, alors que l'ourdou s'écrit au moyen de l'alphabet arabe (de droite à gauche), avec un vocabulaire dérivé du persan. La syntaxe et les verbes des deux langues sont issus du sanskrit, ce qui rend les deux langues mutuellement compréhensibles à l'oral dans leur version familière où elles partagent une partie de leurs vocabulaires. Néanmoins, la sanskritisation du hindi et la persianisation de l'ourdou depuis la partition de 1947 dans les écoles et institutions respectives des deux pays ne permettent plus une aussi grande compréhension entre les locuteurs des deux langues. De nos jours, le hindi et ses dialectes tels que le bhojpuri sont parlés par au moins un milliard d'habitants dans le monde, principalement en Inde, au Népal et par la diaspora nord-indienne, comme à Maurice. Aussi, un locuteur du hindi communique aisément avec un locuteur de l'ourdou, lequel est presque la même langue : les différences sont dans les accents et les mots à caractères religieux ; à propos de l'islam pour l'ourdou et de l'hindouisme pour le hindi[réf. souhaitée] . Cependant, les alphabets sont différents. Peu répandu dans les États du sud de l'Inde avant 1970, le hindi y est de nos jours de plus en plus choisi en seconde langue, le plus souvent bien avant l'anglais[réf. nécessaire] .

हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत के संविधान में किसी भी भाषा को ऐसा दर्ज़ा नहीं दिया गया है। एथनोलॉग के अनुसार, हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है, जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।[10][11][12] इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है [13] और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय प्रदेशों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।[14] हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[15] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[16][17][18] 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेख़ता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली',[19] 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। हिन्दी, यूरोपीय भाषा-परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। एथ्नोलॉग (2022, 25वां संस्करण) की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।[20]हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। हिन्दी के मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है। मानक हिन्दी में संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा (official language) है क्योंकि भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा का कहीं उल्लेख या चर्चा नहीं है। एथनोलॉग के अनुसार, हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है, जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।[10][11][12] इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है [13] और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय प्रदेशों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।[14] हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[15] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[16][17][18] 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेख़ता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली',[19] 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। हिन्दी, यूरोपीय भाषा-परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। एथ्नोलॉग (2022, 25वां संस्करण) की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।[20]हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। हिन्दी के मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है। मानक हिन्दी में संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा (official language) है क्योंकि भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा का कहीं उल्लेख या चर्चा नहीं है। एथनोलॉग के अनुसार, हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है,[10] जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।[11][12][13] इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है [10][14] और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय प्रदेशों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।[15] हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[16] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[17][18][19] 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेख़ता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली',[20] 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। हिन्दी, यूरोपीय भाषा-परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। एथ्नोलॉग (2022, 25वां संस्करण) की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।[21]हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। हिन्दी के मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है। मानक हिन्दी में संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा (official language) है क्योंकि भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा का कहीं उल्लेख या चर्चा नहीं है। एथनोलॉग के अनुसार, हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।[10] भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है,[11] जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।[12][13][14] इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है [11][15] और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय प्रदेशों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।[16] हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[17] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[18][19][20] 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेख़ता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली',[21] 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। हिन्दी, यूरोपीय भाषा-परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। एथ्नोलॉग (2022, 25वां संस्करण) की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।[22]हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। हिन्दी के मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है। मानक हिन्दी में संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा (official language) है क्योंकि भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा का कहीं उल्लेख या चर्चा नहीं है। एथनोलॉग के अनुसार, हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।[10] भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है,[11] जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।[12][13][14] इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है [11][15] और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय प्रदेशों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।[16]bharat ki bhasha हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[17] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[18][19][20] 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेख़ता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली',[21] 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। हिन्दी, यूरोपीय भाषा-परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। एथ्नोलॉग (2022, 25वां संस्करण) की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।[22]

Carte

Article premier de la déclaration universelle des droits de l'homme

Article premier de la Déclaration universelle des droits de l'homme[3] (voir le texte en français[4]) अनुच्छेद १. सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतन्त्रता और समानता प्राप्त है । उन्हें बुद्धि और अन्तरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । Anucched ek Sabhī manuṣyoṃ ko gaurav aur adhikāroṃ ke māmale mein janmajāt svatantrata aur samānatā prāpt hai. Unheṃ buddhi aur antarātmā kī den prāpt hai aur paraspar unhen bhāīcāre ke bhāv se bartāv karanā cāhiye.Article premier de la Déclaration universelle des droits de l'homme[3] (voir le texte en français[4]) अनुच्छेद १. सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतन्त्रता और समानता प्राप्त है । उन्हें बुद्धि और अन्तरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । Anucched ek Sabhī manuṣyoṃ ko gaurav aur adhikāroṃ ke māmle mein janmajāt svatantrata aur samānatā prāpt hai. Unheṃ buddhi aur antarātmā kī den prāpt hai aur paraspar unhen bhāīcāre ke bhāv se bartāv karnā cāhie.

Alphabets

  • devanagari

Bibliographie

type : Document

Himācal Pradeś kī bhāshāem Tobdan, {} 2015

  • Auteur : Tobdan, {}
  • Editeur : Orient Blackswan
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tobdan, {}. 2015. Himācal Pradeś kī bhāshāem. (People's Linguistic Survey of India, 11(1).) New Delhi: Orient Blackswan. xxxiv+336pp.
type : Document

Annie Montaut 2012 Le Hindi

  • Auteur : Annie Montaut
  • Editeur : Peeters
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Annie Montaut. 2012. Le Hindi. Louvain: Peeters. 221pp.
type : Document

Tājuzbekī: Soviyata Saṅgha meṃ bolī jāne vālī Hindī bolī : aitihāsika aura tulanātmaka adhyayana tathā saṅkshipta śabdakośa Tiwārī, Bholānāth 1970

  • Auteur : Tiwārī, Bholānāth
  • Editeur : Neśanala Pabliśiṅga Hāusa
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tiwārī, Bholānāth. 1970. Tājuzbekī: Soviyata Saṅgha meṃ bolī jāne vālī Hindī bolī : aitihāsika aura tulanātmaka adhyayana tathā saṅkshipta śabdakośa [Tājuzbekī: Hindi dialect spoken in the Soviet Union: A historical and comparative study, and glossary]. Dillī: Neśanala Pabliśiṅga Hāusa. 17+201pp.
type : Document

Chandra, Kailash 1967 Morpho-phonemic analysis of grammatical forms in the North-Western Kauravi (Hindi) as represented by the spoken tongue of Shahabad Markanda, district Karnal--Kuruksetra region, Panjab

  • Auteur : Chandra, Kailash
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Chandra, Kailash. 1967. Morpho-phonemic analysis of grammatical forms in the North-Western Kauravi (Hindi) as represented by the spoken tongue of Shahabad Markanda, district Karnal--Kuruksetra region, Panjab. (Doctoral dissertation, Chandigarh: Panjab University; vii+161pp.)
type : Document

Hindī Bhāṣā kā Udgam aur Vikās Tiwari, Uday Nārāyaṇ 1961

  • Auteur : Tiwari, Uday Nārāyaṇ
  • Editeur : Allahabad: Bhāratiy Bhaṇḍar Līḍar Press
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tiwari, Uday Nārāyaṇ. 1961. Hindī Bhāṣā kā Udgam aur Vikās [Village dialects of Hindi]. Prayag: Allahabad: Bhāratiy Bhaṇḍar Līḍar Press. 24+378pp.

Himācal Pradeś kī bhāshāem Tobdan, {} 2015

  • Auteur : Tobdan, {}
  • Editeur : Orient Blackswan
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tobdan, {}. 2015. Himācal Pradeś kī bhāshāem. (People's Linguistic Survey of India, 11(1).) New Delhi: Orient Blackswan. xxxiv+336pp.

Annie Montaut 2012 Le Hindi

  • Auteur : Annie Montaut
  • Editeur : Peeters
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Annie Montaut. 2012. Le Hindi. Louvain: Peeters. 221pp.

Tājuzbekī: Soviyata Saṅgha meṃ bolī jāne vālī Hindī bolī : aitihāsika aura tulanātmaka adhyayana tathā saṅkshipta śabdakośa Tiwārī, Bholānāth 1970

  • Auteur : Tiwārī, Bholānāth
  • Editeur : Neśanala Pabliśiṅga Hāusa
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tiwārī, Bholānāth. 1970. Tājuzbekī: Soviyata Saṅgha meṃ bolī jāne vālī Hindī bolī : aitihāsika aura tulanātmaka adhyayana tathā saṅkshipta śabdakośa [Tājuzbekī: Hindi dialect spoken in the Soviet Union: A historical and comparative study, and glossary]. Dillī: Neśanala Pabliśiṅga Hāusa. 17+201pp.

Chandra, Kailash 1967 Morpho-phonemic analysis of grammatical forms in the North-Western Kauravi (Hindi) as represented by the spoken tongue of Shahabad Markanda, district Karnal--Kuruksetra region, Panjab

  • Auteur : Chandra, Kailash
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Chandra, Kailash. 1967. Morpho-phonemic analysis of grammatical forms in the North-Western Kauravi (Hindi) as represented by the spoken tongue of Shahabad Markanda, district Karnal--Kuruksetra region, Panjab. (Doctoral dissertation, Chandigarh: Panjab University; vii+161pp.)

Hindī Bhāṣā kā Udgam aur Vikās Tiwari, Uday Nārāyaṇ 1961

  • Auteur : Tiwari, Uday Nārāyaṇ
  • Editeur : Allahabad: Bhāratiy Bhaṇḍar Līḍar Press
  • Date de création :
  • Référence bibliographique : Tiwari, Uday Nārāyaṇ. 1961. Hindī Bhāṣā kā Udgam aur Vikās [Village dialects of Hindi]. Prayag: Allahabad: Bhāratiy Bhaṇḍar Līḍar Press. 24+378pp.

Trésors de la parole

type : Audio

  • Référence bibliographique : "Lexique Swadesh en Hindi" 2016. Hindi. Rosenberg, Tomer (data_inputter); Vincent, Coralie (data_inputter); El Ayari, Sarra (depositor); Mudgal, Shailendre (speaker); Zribi-Hertz, Anne (researcher); Soare, Elena (researcher). Editeur(s): Structures formelles du langage.
type : Audio

  • Référence bibliographique : "Histoire de l'âne en hindi" 2016. Hindi. Rosenberg, Tomer (data_inputter); Vincent, Coralie (data_inputter); El Ayari, Sarra (depositor); Mudgal, Shailendre (speaker); Zribi-Hertz, Anne (researcher); Soare, Elena (researcher). Editeur(s): Structures formelles du langage.

  • Référence bibliographique : "Lexique Swadesh en Hindi" 2016. Hindi. Rosenberg, Tomer (data_inputter); Vincent, Coralie (data_inputter); El Ayari, Sarra (depositor); Mudgal, Shailendre (speaker); Zribi-Hertz, Anne (researcher); Soare, Elena (researcher). Editeur(s): Structures formelles du langage.

  • Référence bibliographique : "Histoire de l'âne en hindi" 2016. Hindi. Rosenberg, Tomer (data_inputter); Vincent, Coralie (data_inputter); El Ayari, Sarra (depositor); Mudgal, Shailendre (speaker); Zribi-Hertz, Anne (researcher); Soare, Elena (researcher). Editeur(s): Structures formelles du langage.

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